आपने कभी ना कभी ट्रैफिक पुलिस वालों को चालान काटते हुए देखा होगा! या चालान कटवा आया होगा! क्या आप जानते हैं। ट्रैफिक चालान के भी प्रकार होते हैं। यहां हम बात करेंगे ट्रैफिक चालान के बारे में
ट्रैफिक चालान 3 तरह के होते हैं।
ऑन द
स्पॉट
चालान
:- यह
चालान तब काटे जाते
हैं। जब कोई व्यक्ति
ट्रैफिक नियम तोड़ते हुए रंगे हाथ पकड़ा जाता हैं। और उस ट्रैफिक
नियम तोड़ने वाले व्यक्ति को उसी समय
चालान जमा कर मौके पर
ही वसूल लिया जाता हैं। अगर कोई व्यक्ति जुर्माना ना भरना चाहता
हूं या उस व्यक्ति
के पास पर्याप्त पैसे ना हो तो
ऐसे में ट्रैफिक पुलिस वाहन चालक का ड्राइविंग लाइसेंस
जमा करके चालान दे देती हैं।
और उसके बाद चालक का ड्राइविंग लाइसेंस
कोर्ट में जमा करा देती हैं। बाद में कोर्ट की बताई गई
तारीख को कोर्ट में
पेश होना होता हैं। और चालान का
जुर्माना भरकर ड्राइविंग लाइसेंस वापस पाया जा सकता हैं।
नोटिस चालान
:- नोटिस नोटिस
चालान में अगर कोई व्यक्ति ट्रैफिक नियम को तोड़ कर
मौके से भाग जाता
हैं। या भागने का
प्रयास करता हैं। तो ट्रैफिक पुलिस
नियम तोड़ने वाले व्यक्ति का गाड़ी नंबर
नोट कर चालान उसके
पति पर भिजवा देती
हैं। जिस पते पर उस गाड़ी
का नंबर रजिस्टर्ड होता हैं। नोटिस चालान कहा जाता हैं। नोटिस चालान को भरने के
लिए ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले व्यक्ति को एक माह
का वक्त दिया जाता हैं। यह नोटिस चालान
ट्रैफिक पुलिस के स्थानीय ऑफिस
में भी जाकर भरा
जा सकता हैं। अगर समय पर जुर्माना नहीं
भरा जाए तो फिर चालान
कोर्ट में भेज दिया जाता हैं।
कोर्ट चालान
:- कोर्ट
चालान आमतौर पर ऐसी गंभीर
घटनाओं पर काटे जाते
हैं। जिसमें जुर्माना और सजा दोनों
का प्रावधान होता हैं। कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं। जिसमे सिर्फ कोर्ट के ही चालान
होते हैं। जिसमें तुरंत जुर्माना नहीं वसूला जाता हैं। उदाहरण के तौर पर
बात करें कोई व्यक्ति शराब पीकर गाड़ी चलाता हैं। या सुप्रीम कोर्ट
के निर्देशों का उल्लंघन करता
हैं। परमिट का उल्लंघन करता
हैं। आदि ट्रैफिक पुलिस जुर्माना नहीं वसूलते इसके लिए कोर्ट में ही जाना पड़ता
हैं। ऐसे में नियम का उल्लंघन करने
वाले का कोर्ट का
चालान काटा जाता हैं।
100 का जुर्माना
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100 से ज्यादा का जुर्माना
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